*सोशल मीडिया पर हो रही जिला प्रशासन की बदनामी*
*आयोजक पर कानूनी कार्रवाई की मांग*
राकेश यादव--
बछवाड़ा (बेगूसराय):-
कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के उद्देश्य से लाॅकडाउन का सख्ती से पालन व इसके माॅनीटरिंग की जिम्मेवारी जिन्हें सौंपा गया, उन्होंने हीं खुल्लमखुल्ला लाॅकडाउन की धज्जियां उडा़ कर रख दिया। जिसको लेकर बछवाड़ा प्रखंड प्रशासन की सोशल मीडिया पर काफी छिछालेदर हो रही है। बताते चलें कि पिछले दिनों विगत 18 जुलाई को बछवाड़ा प्रखंड
संसाधन केन्द्र के बैनर तले बछवाड़ा के तत्तकालीन बीडीओ का विदाई सह सम्मान समारोह का आयोजन कर आयोजकों ने लाॅकडाउन का ऐसी की तैसी कर दी। जबकि जिलाधिकारी बेगूसराय नें विगत दो दिनों पुर्व हीं 15 जुलाई 2020 को पत्रांक 1664 भेज कर सभी बीडीओ को विभिन्न एहतियात बरतने व लाॅकडाउन का सख्ती से माॅनिटरिंग करने को कहा था। सरकारी लोक सेवकों द्वारा विदाई समारोह के आयोजन व लाॅकडाउन के उलंघन को लेकर सोशल मीडिया पर जहां चर्चाओं का बाजार गर्म है, वहीं जिला प्रशासन की बदनामी के साथ विरोधियों द्वारा सरकारी कार्यशैली पर भी उंगलियां उठाई जा रही है। जिला प्रशासन पर तंज कहते हुए सीपीआई के सहायक अंचल मंत्री प्यारे दास, पुर्व मुखिया मीना देवी, पुर्व पंसस विणा गुप्ता, पुर्व मुखिया महेश यादव, ग्रामीण गुड्डू यादव, दिग्गज कुमार राय, मनी कुमार आदि नें बताया कि डीएम के निर्देश में यह साफ तौर पर कहा गया है कि किसी भी प्रकार का सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक कार्यक्रम, सभा-समारोह एवं मजलिस का आयोजन नहीं किया जाना है। बावजूद इसके प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के द्वारा विदाई समारोह का आयोजन किया गया है। कोरोना काल के इस संकट के घड़ी में संक्रमण को रोकने हेतु लाॅकडाउन के प्रति संवेदनहीनता करने वाले लोक सेवकों व समारोह में शामिल अन्य लोगों पर कानूनी कार्रवाई की मांग की है। उक्त लोगों नें प्रशासन के प्रति रोष प्रकट करते हुए कहा कि जरूरी काम से बाजार गये लोगों पर भी पुलिस लाठीचार्ज करती है। पिछले दिनों कपड़ा साफ करने वाले दो-तीन धोबी पर लाॅकलाउन के उलंघन के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था। जबकि जिलाधिकारी के आदेश को ठेंगा दिखाने वाले लोक सेवकों व उक्त समारोह में शामिल अन्य लोगों पर प्रशासनिक व कानूनी कार्रवाई शुन्य है।
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