बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार को भी निकलना पड़ा पटना से जलजमाव के कारण
पटना पानी पानी हुआ था। यह घटना के पिछले साल 2019 के सितंबर माह की जब बिहार की राजधानी पटना जल सैलाब आया था 27 सितंबर को रात्रि की बारिश ने ऐसा कहर बरपाया था जिसमें। 13 लाख की आबादी प्रभावित हुई थी। इस बारिश की वजह से जहां करोड़ों का नुकसान हुआ था वहीं कहीं इलाकों में महीनों दिन पानी जमा रहा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 14 अक्टूबर को दिया था जांच का आदेश मुख्य सचिव दीपक कुमार ने निर्देश पर 4 सदस्यों की टीम बनाई जिसमें पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मणआण अपने आपदा प्रबंधक सचिव प्रत्यय अमृत और वित्त सचिव एस सिद्धार्थ थे इस कमेटी की अध्यक्षता विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह कर रहे थे इन दोनों अधिकारियों को बताया गया दोषी पटना में जल प्रलय का मुख्य दोषी पूर्व नगर आयुक्त अनुपम सुमन और तत्कालीन बुडको एम डी अमरेंद्र प्रसाद सिंह को ठहराया गया पटना नगर निगम और बुडको के बीच तालमेल नहीं था जिसके कारण राजधानी पटना का निकासी समय पर नहीं हो सका उगाही से सिर्फ खानापूर्ति की गई और कहीं जा रही है कि जल निकास के लिए पूर्व से कोई तैयारी नहीं थी 111 अफसरों पर हुई थी कार्रवाई जांच रिपोर्ट आने के बाद सामान्य प्रशासनिक विभाग ने नगर विकास विभाग को कार्रवाई की अनुशंसा करने दिया इन दोनों अधिकारियों के अलावा कोई और अधिकारी और कर्मचारी इस मामले में दोषी नहीं पाएगा। इस पूरे जलजमाव के बाद नगर विकास विभाग ने प्रथम दृष्टिया कई लोग पर कार्रवाई की गई थी
पटना पानी पानी हुआ था। यह घटना के पिछले साल 2019 के सितंबर माह की जब बिहार की राजधानी पटना जल सैलाब आया था 27 सितंबर को रात्रि की बारिश ने ऐसा कहर बरपाया था जिसमें। 13 लाख की आबादी प्रभावित हुई थी। इस बारिश की वजह से जहां करोड़ों का नुकसान हुआ था वहीं कहीं इलाकों में महीनों दिन पानी जमा रहा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 14 अक्टूबर को दिया था जांच का आदेश मुख्य सचिव दीपक कुमार ने निर्देश पर 4 सदस्यों की टीम बनाई जिसमें पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मणआण अपने आपदा प्रबंधक सचिव प्रत्यय अमृत और वित्त सचिव एस सिद्धार्थ थे इस कमेटी की अध्यक्षता विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह कर रहे थे इन दोनों अधिकारियों को बताया गया दोषी पटना में जल प्रलय का मुख्य दोषी पूर्व नगर आयुक्त अनुपम सुमन और तत्कालीन बुडको एम डी अमरेंद्र प्रसाद सिंह को ठहराया गया पटना नगर निगम और बुडको के बीच तालमेल नहीं था जिसके कारण राजधानी पटना का निकासी समय पर नहीं हो सका उगाही से सिर्फ खानापूर्ति की गई और कहीं जा रही है कि जल निकास के लिए पूर्व से कोई तैयारी नहीं थी 111 अफसरों पर हुई थी कार्रवाई जांच रिपोर्ट आने के बाद सामान्य प्रशासनिक विभाग ने नगर विकास विभाग को कार्रवाई की अनुशंसा करने दिया इन दोनों अधिकारियों के अलावा कोई और अधिकारी और कर्मचारी इस मामले में दोषी नहीं पाएगा। इस पूरे जलजमाव के बाद नगर विकास विभाग ने प्रथम दृष्टिया कई लोग पर कार्रवाई की गई थी
आनंद कुमार की खास रिपोर्ट


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