राकेश कु०यादव:~
बछवाड़ा ( बेगूसराय ):~ गंगा के जल स्तर मे लगातार हो रही वृद्धि से प्रखण्ड क्षेत्र के दियारे इलाके के सभी गांवों के लोगों को परेशानी का सामना करना पर रहा है | खासकर किसान व मजदूर वर्ग के लोगों को काफी फजीहत उठानी पर रही है | लोगों के सामने भुखमरी की समस्या उत्पन्न हो चूंकि है | सुविधा के अभाव मे लोगों का घर निकालना दुसवार हो
चुका है | बच्चे बूढ़े भूख से परेशान हो रोटी को लालायित हो रहे हैं | सुविधा के अभाव मे लोगों पशु चारा लाना दुसवार हो चुका है | लोग जान जोखिम मे डालकर दूर दराज के इलाके से पानी मे तैर कर किसी तरह अल्प पशु चारा की व्यवस्था करते हैं | लेकिन उस अल्प चारे से पशुओं के पेट की छुधा मिट नहीं पाती है | पशु चारा के अभाव मे भूखे पेट सर उठाए
दिन मे तारे गिन रहे हैं | जिले के सांसद सह भारत सरकार के मंत्री के गिरिराज सिंह द्वारा बाढ़ ग्रस्त इलाके के दौरे के बाद बाढ़ पीड़ितों को दिए गए आश्वासन व अधिकारियों को दिए गए निर्देश के बाबाजूद भी तत्काल राहत सामाग्री बाढ़ पीड़ितों तक नहीं पहुँच सकी | बाढ़ ग्रस्त इलाके के पीड़ित पंचायत के मुखिया गीता शर्मा ने बताया की बाढ़ प्रभावित क्षेत्र मे मंत्री ,सांसद ,विधायक व बड़े बड़े पदाधिकारी आए तो जरूर लेकिन पीड़ितों के से सुनने के बजाय नाव की सवारी का लुफ्त उठाकर चले गए | सरकारी सुविधाओं की बात करें तो दियारे के पाँच पंचायतों के लगभग एक लाख की आबादी पर महज मात्र पाँच छोटी नाव (डेंगी)मुहैया करायी गयी है | जो ऊंट के मुंह मे जीरा साबित हो रही है | हमारे क्षेत्र के सांसद गिरिराज सिंह कहने को तो समूचे देश के पशुपालन मंत्री हैं मगर उन्हीं के क्षेत्र बछवाड़ा मे पशु चारे के अभाव मे भूखे मरने को विवश हैं | पशु पालक किसान चारे की खोज मे दस से बीस किलो मीटर की दूरी तय कर थोड़ा बहुत चारा ले आते हैं | मगर अनाज के अभाव मे किसान खुद ही सपरिवार भूखे ही सो जाते हैं | अविलंब बाढ़ पीड़ितों एव पशुओं के लिए खाद्य सामाग्री मुहैया नहीं की गयी तो हम जन समूह के साथ प्रखण्ड कार्यालय पर समूहिक अनशन करेंगे |
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