बिहार के गरीबों को मार्च महीने तक मुफ्त में अनाज मिलेगा उन्हें लगभग 17 लाख टन अनाज फिर से मुफ्त में दिया जाएगा केंद्र सरकार एक तरफ गरीब लोगों को अनाज दे रही है तो वहीं दूसरी तरफ से जन वितरण प्रणाली के दुकानदार गरीबों की अनाज हर अपने में कमियां दिख रहे हैं आपको बता दें कि मोकामा में कई जन वितरण प्रणाली दुकान में माप-तौल में धोखा हो तो है आपको बता दें कि 50 kg चावल या गेहूं भरे कट्टा 52 kg 500 कैसे होता है क्यों गरीबों का हक मारा जा रहा है केंद्र सरकार के द्वारा जन वितरण प्रणाली दुकानदार के चावल और गेहूं का रेट भी फिक्स कर दिया गया है लेकिन चावल का रेट केंद्र सरकार ने ₹3 प्रति किलो किया है तो वहां आम गरीब लोगों को 8 रूपए किलो पड़ता है गेहूं का रेट केंद्र सरकार ने जन वितरण प्रणाली दुकान में ₹2 किलो किया है लेकिन गरीब लोगों को ₹6 किलो दिया जाता है क्यों नहीं होती है कार्यवाही आपको बता दें कि इसमें कई अधिकारियों की संलिप्तता बताई जा रही है
बिहार के गरीबों को मार्च माह तक मुफ्त में अनाज मिलेगा। उन्हें लगभग 17 लाख टन अनाज फिर से मुफ्त में दिया जाएगा। इन अनाज की कीमत 51 अरब रुपये होगी। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना का दूसरी बार विस्तार कर दिया है। अब यह योजना 31 मार्च तक चलेगी। इसके पहले कोरोना काल में शुरू हुई इस योजना का विस्तार महापर्व छठ तक किया गया था। लिहाजा इसी महीने इसकी अवधि समाप्त हो रही थी।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत हर गरीब परिवार के हर सदस्य को पांच किलो अनाज मुफ्त में दिया जाता है। लिहाजा राज्य में हर महीने 4.35 लाख टन अनाज मुफ्त में बांटा जाता है। इसमें 2.57 लाख टन चावल और 1.74 लाख टन गेहूं शामिल है। लाभुकों की संख्या 8.71 करोड़ है।
खास बात यह है कि मुफ्त मिलने वाला यह अनाज हर महीने पीडीएस दुकानों से कोटे के अनुसार मिलने वाले राशन से अलग है। इस हिसाब से अगले चार महीने में एफसीआई को लगभग 17 लाख टन अतिरिक्त अनाज की व्यवस्था करनी होगी। संस्था ने पीएम की घोषणा के साथ ही इस पर काम शुरू कर दिया है।
सरकार ने गत वर्ष के कोरोना लहर में ही यह व्यवस्था की थी। अप्रैल 2020 में शुरू हुई योजना नवंबर तक चली। उसके बाद दूसरी लहर शुरू हुई तो मई 21 में योजना को फिर शुरू किया गया। इसे भी नवंबर तक ही चलना था लेकिन सरकार ने मार्च 22 तक विस्तार कर दिया। अब तक इस योजना के मद में लगभग 66 लाख टन अनाज बांटा जा चुका है। इसमें 39 लाख टन चावल और 26 लाख टन गेहूं बांटा गया है। औसत समर्थन मूल्य के हिसाब से जोड़ें तो सरकार कोराना काल में अब तक 195 अरब रुपये का अनाज मुफ्त बांट चुकी है।
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