राकेश यादव--
बछवाड़ा (बेगूसराय):-- आलमपुर ठाकुरबाड़ी में गुरुवार को दो दिव्यांग परिणय सूत्र में बंध कर खुशियां भरी सामाजिक जिन्दगी का हिस्सा बन कर विकलांगता अभिशाप को मित्थक साबित कर दिया। बताते चलें कि नारेपुर जोकहा वार्ड एक निवासी राजेंद्र महतो उर्फ पोंगल महतो का 30 वर्षीय पुत्र मिथिलेश कुमार शत-प्रतिशत कोटी का विकलांग है। उसके दोनों पैर व रीढ़ पुर्ण रूप से नाकाम है। उक्त दिव्यांग नें बताया कि जन्मजात दिव्यांगता के कारण जिन्दगी में अनेकों बार उपेक्षा का शिकार हुआ। मगर समाजिक उपेक्षा के बाद भी उसने हार नहीं मानी। उसने अपनी कड़ी मेहनत व लग्न से प्राथमिक विद्यालय की शिक्षा मध्य विद्यालय नारेपुर से प्राप्त किया। मगर शायद किस्मत में पढाई पुरी करना नहीं लिखा था। परिवार की गरीबी से चिंतित होकर उक्त दिव्यांग नें गांव में हीं कर्ज लेकर किराना एवं दैनिक उपयोगी दुकान खोल ली। इस व्यवसाय में कड़ी मेहनत का नतीजा है कि कर्ज चुकाने में के साथ अच्छी कमाई भी हो जाती है। बावजूद इसके शादी के रिश्ते की बात करने आने वाले मेहमानों को भी गांव के लोगों द्वारा दिग्भ्रमित किया जाता रहा। अंत में तेघरा प्रखंड के गौरा वार्ड 09 निवासी रामचन्द्र महतो की 25 वर्षीय पुत्री कोमल कुमारी के साथ तय हो गई। गुरुवार की रात आलमपुर ठाकुरबाड़ी में सारे मांगलिक कार्य सम्पन्न हुइ है। उल्लेखनीय है कि वधु भी मूकवधिर विकलांग है। वर-वधू ने एकसाथ अग्नि को साक्षी मानकर दाम्पत्य जीवन की कसमें खायी।
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