बिहार डेस्क :- कोरोना वायरस को लेकर पूरे बिहार में राज्य सरकार के द्वारा तत्काल प्रभाव से फिलहाल 31 मार्च 2020 तक सभी जिला मुख्यालय, अनुमंडल मुख्यालयों, प्रखंड मुख्यालय, एवं सभी नगर निकायों लॉक डाउन कर दिया गया है। निजी प्रतिष्ठानों, निजी कार्यालयों एवं सार्वजनिक प्रतिष्ठानों को पूर्णतः बंद कर दिया गया, परंतु आवश्यक एवं अनिवार्य सेवाओं से संबंधित प्रतिष्ठानों तथा चिकित्सा सेवाओं, खदान एवं किराने के प्रतिष्ठान, दवा दुकानें, डेयरी एवं डेयरी से संबंधित प्रतिष्ठानों, पेट्रोल पंप एवं सीएनजी स्टेशन एटीएम एवं बैंकिंग, पोस्ट ऑफिस एवं इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया आदि सेवाओं एवं इन सेवाओं के लिए उपयोग किए जा रहे वाहनों को इस नियम से बाहर रखा गया है।
*बिहार की 38 जिला में लॉक डाउन घोषित हो गया
*क्या है लॉक डाउन?*
*लॉकडाउन एक इमर्जेंसी व्यवस्था होती है। अगर किसी क्षेत्र में लॉकडाउन हो जाता है तो उस क्षेत्र के लोगों को घरों से निकलने की अनुमति नहीं होती है। जीवन के लिए आवश्यक चीजों के लिए ही बाहर निकलने की अनुमति होती है। अगर किसी को दवा या अनाज की जरूरत है तो बाहर जा सकता है या फिर अस्पताल और बैंक के काम के लिए अनुमति मिल सकती है। छोटे बच्चों और बुजुर्गों की देखभाल के काम से भी बाहर निकलने की अनुमति मिल सती है।*
*किसी तरह के खतरे से इंसान और किसी इलाके को बचाने के लिए लॉकडाउन किया जाता है। जैसे कोरोना के संक्रमण को लेकर कई देशों में किया गया है। कोरोनावायरस का संक्रमण एक-दूसरे इंसान में न हो इसके लिए जरूरी है कि लोग घरों से बाहर कम निकले। बाहर निकलने की स्थिति में संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा।*


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