न्यूज़ डेस्क:-
गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन बिल पेश किया, जिसके विरोध में आज सोमवार को सदन में विपक्ष द्वारा काफी हंगामा भी किया गया। विपक्ष लगातार इस बिल का विरोध करता रहा, लेकिन इसी हंगामे के बीच केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने बिल को पेश कर दिया। इस नागरिकता संशोधन बिल को लेकर, एमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने इस बिल के विरोध में अपने तर्क दिए हैं।
असदुद्दीन ओवैसी ने माननीय स्पीकर महोदय से गुहार लगाई कि, मैं हाथ जोड़कर आपसे विनती करता हूं इस देश को ऐसे कानून से बचा लीजिए। MIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी बोले कि सेकुलरिज्म इस देश के मूल ढांचे का बेसिक हिस्सा है, इसको आप कैसे खत्म कर सकते हैं।
मुस्लिमों पर भी विचार किया जायेगा, लेकिन धार्मिक आधार पर लाभ नहीं मिलेगा
यह बिल पूरी तरह से मानव अधिकारों का हनन करता है, हमारे मुल्क में सीडीएम सुपरकॉन्सेप्ट्स एकदम सिंगल है और यह बिल संविधान के ठीक उलट है। यहां तक कि यह बिल लाकर आप सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी उल्लंघन कर रहे हैं।
इस दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने कुछ शब्दों का विरोध किया, जिसे बाद में लोकसभा की कार्रवाई से हटा लिया गया। जब अमित शाह बिल पेश कर रहे थे तब कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी टीएमसी के सांसद गौतम राय ने भी ऐसे संविधान का उल्लंघन करार दिया।
कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी बता रहे थे, कि यह वही संविधान के आर्टिकल 14 का उल्लंघन करता है। और इस नागरिकता संशोधन बिल को पेश होने के बाद असदुद्दीन ओवैसी संविधान के तर्क भी देते रहे
गृह मंत्री अमित शाह जब यह बिल पेश कर रहे थे तब, बार-बार वे सभी लोगों को शांत करने की कोशिश करते रहे और वह स्पीकर से बोलते हैं कि यह बिल कहीं से कहीं तक अल्पसंख्यक के खिलाफ नहीं है। मैं यहां विपक्ष के सभी सवालों के जवाब देने के लिए तैयार हूं लेकिन वह यहाँ से वाकआउट करके ना भागे। कुछ इस तरह आज सोमवार को लोकसभा सदन में हंगामे के बीच यह नागरिकता संशोधन बिल पेश बिल पेश हो गया, जिसको बहुमत में समर्थन मिला।
गृह मंत्री अमित शाह ने नागरिकता संशोधन बिल पेश किया, जिसके विरोध में आज सोमवार को सदन में विपक्ष द्वारा काफी हंगामा भी किया गया। विपक्ष लगातार इस बिल का विरोध करता रहा, लेकिन इसी हंगामे के बीच केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने बिल को पेश कर दिया। इस नागरिकता संशोधन बिल को लेकर, एमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने इस बिल के विरोध में अपने तर्क दिए हैं।
असदुद्दीन ओवैसी ने माननीय स्पीकर महोदय से गुहार लगाई कि, मैं हाथ जोड़कर आपसे विनती करता हूं इस देश को ऐसे कानून से बचा लीजिए। MIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी बोले कि सेकुलरिज्म इस देश के मूल ढांचे का बेसिक हिस्सा है, इसको आप कैसे खत्म कर सकते हैं।
मुस्लिमों पर भी विचार किया जायेगा, लेकिन धार्मिक आधार पर लाभ नहीं मिलेगा
यह बिल पूरी तरह से मानव अधिकारों का हनन करता है, हमारे मुल्क में सीडीएम सुपरकॉन्सेप्ट्स एकदम सिंगल है और यह बिल संविधान के ठीक उलट है। यहां तक कि यह बिल लाकर आप सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी उल्लंघन कर रहे हैं।
इस दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने कुछ शब्दों का विरोध किया, जिसे बाद में लोकसभा की कार्रवाई से हटा लिया गया। जब अमित शाह बिल पेश कर रहे थे तब कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी टीएमसी के सांसद गौतम राय ने भी ऐसे संविधान का उल्लंघन करार दिया।
कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी बता रहे थे, कि यह वही संविधान के आर्टिकल 14 का उल्लंघन करता है। और इस नागरिकता संशोधन बिल को पेश होने के बाद असदुद्दीन ओवैसी संविधान के तर्क भी देते रहे
गृह मंत्री अमित शाह जब यह बिल पेश कर रहे थे तब, बार-बार वे सभी लोगों को शांत करने की कोशिश करते रहे और वह स्पीकर से बोलते हैं कि यह बिल कहीं से कहीं तक अल्पसंख्यक के खिलाफ नहीं है। मैं यहां विपक्ष के सभी सवालों के जवाब देने के लिए तैयार हूं लेकिन वह यहाँ से वाकआउट करके ना भागे। कुछ इस तरह आज सोमवार को लोकसभा सदन में हंगामे के बीच यह नागरिकता संशोधन बिल पेश बिल पेश हो गया, जिसको बहुमत में समर्थन मिला।

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