बिहार शरीफ नेहाल मस्जिद में आज "अंजुमन सरकारे सुरकाही"की तरफ से एक अज़ीमो शान जलसा-"जलसा-ए-अज़मते"हुसैन किया गया जिसकी सदारत हज़रत सैयद शाह नूरुद्दीन असदक मिस्बाही ने की,जलसे की शुरुआत हाफिज इम्तियाज अहमद ने क़ुरान पाक के तेलावत से की।जलसे में हज़रत नूरुद्दीन असदक ने सदारती खिताब के ज़रिए कौम
को खेताब करते हुए फरमाया की इमाम हुसैन की ज़िंदगी पुरी इंसानियत को ज़ुल्म के खिलाफ आवाज़ बुलंद करने में हिम्मत और ताकत अता करती है उन्होंने आगे अपने ख्याल का इज़हार करते हुए कहा कि मेरी कौम इस मुबारक महीनों के दिनों में ताजिया दारी,अखाड़ा,ढोल एवं तमाम खुराफाती में बर्वाद करने के बजाय अज़मत हुसैन को आम करने का काम करें।जलसा के बाद नात पढ़ कर दुनिया के अमन और शांति के लिए दुआ की।
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